ट्रांसफार्मर क्या है – यह नाम तो हर कोई जनता है चाहे वह शहर में रहता हो या फिर गॉव में। बेसक वह इसको बिजली को घटने या बढ़ाने वाले यन्त्र के नाम से जनता हो। ट्रांसफार्मर के अविष्कार ने इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया ही बदल कर रख दी है। तो आइये जानते है ट्रांसफार्मर क्या है।
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत Theory Of Transformer In Hindi
Transformer ही एक ऐसा device है को करंट को बिना किसी physical attachment के एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने का काम करता है। और इसके आलावा करंट को कम या ज्यादा करने में अहम भूमिका निभाता है
जैसा की मैंने आपको अपनी पिछली पोस्ट में आपको Coil के बारे में बताया था। ट्रांसफार्मर क्वाइल का ही रूप है लेकिन इसमें दो या अधिक Coil का इस्तमाल होता है।
मै आपको ज्यादा किताबी भाषा का इस्तेमाल न करके सीधे सादे शब्दों में बताने की कोसिस करूँगा ताकि आपको आसानी से समझ में आये।
ट्रांसफार्मर म्यूचयल इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है
मान लीजिये एक ट्रांसफार्मर है जिसमे चार तार है दो तार एक तरफ और दो तार दूसरी तरफ आप एक तरफ से 220 AC वोल्ट देते है और दूसरी तरफ से आपको 12 AC वोल्ट मिलते है। आखिर यह होता कैसे है। जबकि ट्रांसफार्मर में तार और लोहे के कोर के अलावा कुछ नहीं होता। फिर यह कैसे करंट को कम कर देता है। यही तो खासियत होती है ट्रांसफार्मर में।
क्वाइल में दो तरह के गुण होते है
पहला → की जब उसमे Ac करंट दी जाती है तो उसके चारो तरफ एक मैगनेटिक फील्ड या चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है जिसको Electromotive Force कहते है।
दूसरा → जब किसी क्वाइल को magnetic field में लाया जाता है तो क्वाइल के इलेक्ट्रॉन्स मूव करने लगते है जिसके वजह से क्वाइल के सिरो से ac करंट बहने लगता है।
क्वाइल के इसी गुण का इस्तेमाल छोटे से लेकर बड़े ट्रांसफार्मर बनाने के लिए होता है।
आशा है की आपको समझ में आ गया होगा। आप चाहे तो एक प्रयोग आप कर के देख सकते है।
किसी प्रकार के इन्सुलेटेड तार को किसी भी आधार या पेंसिल पर लपेट दे और उसके दोनों सिरो पर इंसुलेशन हटाकर एक छोटी LED (कम वाल्ट ) जोड़ दे , अब चुम्बक को क्वाइल के ऊपर आगे पीछे हिलाये तो एलईडी जलने लगेगी।
ट्रांसफार्मर Transformer In Hindi
- ट्रांसफार्मर में तो कम से कम दो क्वाइल का इस्तेमाल किया जाता है जिनको वाइंडिंग कहते है।
- ट्रांसफार्मर में जिस वाइंडिंग पर करंट देते है उसको प्राइमरी वाइंडिंग कहते है
- और जिससे करंट प्राप्त किया जाता है उसको सेकंडरी वाइंडिंग कहते है।
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है Types Of Transformer In Hindi
स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर → Step-Down Transformer In Hindi
इस प्रकार के Step-Down Transformer का इस्तेमाल ज्यादा वोल्ट को कम करने के लिए होता है।
जैसे : →power house Transformer, Laptop Charger Transformer, Mobile Phone Charger Transformer ect.
Step-Down
स्टेप अप ट्रांसफार्मर → Step-up Transformer In Hindi
कम वोल्ट को बढ़ाने के लिए Step-up Transformer का इस्तेमाल होता है। जैसे → Inverter Transformer, Ups Transformer, Stabilizer Transformer etc.
ऑटो ट्रांसफार्मर → Auto Transformer In Hindi
इस प्रकार के ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल आवश्यकता के अनुसार अपने आप कम वोल्ट को ज्यादा या ज्यादा वोल्ट को कम करने के लिए होता है जैसे →
Crt Monitor EHT, Ups, Inverter, Auto Transformer ect