अगर आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो लोन लेना चाहते हैं या आपने पहले से ही लोन ले रखा है और फिर से आपको दूसरे लोन की डिमांड है। तो आज के वक्त लोन देने के लिए बैंक का जो सबसे पहला स्टेप होता है कि वो आपके सिबिल रिपोर्ट चेक करती है और उसके आधार पर ही वो डिसीजन लेते हैं कि आपको लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा। सिबिल रिपोर्ट में ऐसा क्या होता है, जिसे देखकर बैंक डिसीजन लेते हैं की वो आपको लोन देगी या नहीं देगी। तो आइये जानते है कि सिबिल स्कोर क्या होता है, सिबिल स्कोर की पूरी जानकारी।
What is CIBIL Score | सिबिल स्कोर होता क्या है
सिबिल एक कंपनी है। जिसका पूरा नाम होता है क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड यानी सिबिल। सभी बैंको के पास से चाहे वो सरकारी हो, प्राइवेट हो, चाहे फाइनैंस कंपनी हो, उन सब के पास ग्राहकों की सिबिल रिपोर्ट होती है।
आसान भाषा में समझा जाए तो सिबिल स्कोर एक स्कोर होता है, जैसे आप कोई गेम खेलते हैं तो आपको आपकी अच्छी परफॉर्मेंस की वजह से अच्छे नंबर मिलते हैं और उससे आप का एक अच्छा स्कोर बनता है। तो इसी तरह से जब आप फाइनैंस में, कोई लोन लेकर उसकी अदायगी समय पर करते हैं, तो आप इस एक्टिविटीस से स्कोर बनता है, जो सिबिल स्कोर में कन्वर्ट होता हैं।
सिबिल स्कोर से जुड़ी रोचक जानकारियां
सिबिल स्कोर वह संख्या है, जो यह निर्धारित करती है कि लोन दिया जाना चाहिए या नहीं। ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है। जिसे सामान्य रूप से क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है। इसका काम उपभोक्ताओं के बारे में ऐसी जानकारी उपलब्ध करना है जिसके माध्यम से कंपनियों का व्यापार तेजी से आगे बढ़े। उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के जल्दी और आसान शर्तों से ब्याज मिल सके। ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड कंपनी के पास तकरीबन 2400 से अधिक सदस्य हैं। जिनमें बड़े-बड़े बैंक, वित्तीय कंपनियां, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां शामिल हैं। साथ ही इस कंपनी के पास 550 मिलियन से अधिक व्यक्तियों और वित्तीय संस्थाओं के क्रेडिट रिकॉर्ड है। जिनके माध्यम से वित्तीय संस्था है, यह निर्णय लेती है कि आपको लोन देना ठीक होगा या नहीं।
सिबिल स्कोर का निर्धारण कैसे होता है
सिबिल स्कोर का निर्धारण कैसे होता है, कैसे पता चलता है, किस उपभोक्ता का स्कोर अच्छा है या खराब स्कोर बनाने के लिए कंपनी जटिल एल्गोरिथम का इस्तेमाल करती है। जिसमें जिस व्यक्ति ने लोन लेने की इच्छा जताई है। उसकी छह महीने की पहली रिपोर्ट देखी जाती है। उसकी फाइनैंशल डेटा का अध्ययन किया जाता है। इसके बाद कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जैसे समय पर लोन की अदायगी, क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान आदि को ध्यान में रखते हुए उसके लिए स्कोर निर्धारित किया जाता है।
आपको बता दें किसी व्यक्ति का स्कोर अच्छा तभी हो सकता है। लोन लेने वाला व्यक्ति समय से अपने लोन की किश्त भरता हो। अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करता हो। ध्यान रहे इस स्कोर में आपकी बचत, निवेश, जब फिक्स डिपॉजिट का ब्योरा शामिल नहीं होता है।
सिविल कैसे काम करता है और इसकी भूमिका क्या होती है
यदि आपने लोन के लिए अप्लाई किया है। तो आपके फाइनैंशल डेटा को देखा जाता है कि आपने कभी लोन लिया या क्रेडिट कार्ड या फिर आपके टाइम पर लोन भरने और आपके क्रेडिट कार्ड के भुगतान के रिकॉर्ड को बैंको और अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा मासिक आधार पर सिविल के पास जमा किया जाता है। इस जानकारी का उपयोग करके क्रेडिट इन्फर्मेशन रिपोर्ट तथा क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है।
आपको बता दें इस जानकारी की बदौलत ही कर्जदाता ये लोन आवेदनों का मूल्यांकन और स्वीकृति करते हैं। सिविल स्कोर, लोन आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रेडिट ब्यूरो को आरबीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसे क्रेडिट इंफोर्मेशन कंपनी ऐक्ट 2005 द्वारा चलाया जाता है।
आवेदक द्वारा लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन पत्र भरने और उसे कर्जदाता को सौंपने के बाद, करदाता पहले आवेदक की क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करता है। यदि क्रेडिट स्कोर कम हैं तो कर्जदाता आवेदक की याचिका को उसी क्षण अस्वीकृत कर देता है। यदि क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो करदाता उसे क्रेडिट देने यानी कि लोन देने पर विचार करता है।
ध्यान योग्य बात यह है कि यदि स्कोर जितना अधिक होगा लोन स्वीकृति होने की संभावना भी उतनी अधिक होती है। कर्ज देने का निर्णय केवल कर्जदाता पर होता है। लोन या क्रेडिट कार्ड स्वीकृति हो ना हो इस पर सिबिल कोई फैसला नहीं करता।
अपना सिबिल स्कोर हम कैसे बना सकते हैं
सिबिल स्कोर बनाने के लिए आपको या तो लेना पड़ेगा या फिर आपको क्रेडिट कार्ड लेना पड़ेगा और इसका पेमेंट करने के बेस पर ही आपका सिबिल स्कोर बनेगा। इसका सबसे आसान तरीका यह है कि जिस बैंक में आपका अकाउंट है, उस अकाउंट में आप ज्यादा लेनदेन करिए।
जैसे ही उसमें आप ज्यादा लेन देन करना शुरू करेंगे तो आपका बैंक आपको आसानी के साथ बिना किसी सिबिल स्कोर करके एक क्रेडिट कार्ड प्रोवाइड कर देगा। काफी सारे बैंक्स तो ऐसे हैं जो अकाउंट ओपन करने के साथ ही आपको क्रेडिट कार्ड भी दे देते है।
जैसे एचडीएफसी बैंक और आइसीआइसीआइ बैंक तो पूरी पॉसिबिलिटी है की आपको अकाउंट के साथ ही एक क्रेडिट कार्ड दे दिया जाए। एक बार जब आपको क्रेडिट कार्ड मिल जाता है तो आप उससे पैसे खर्च करिए और उनको टाइम पे करिये। तो इससे आपका सिबिल स्कोर बन जाएगा। एक बार जब आपका सिबिल स्कोर बन जाता है, तो उसके बाद आप किसी भी बैंक का क्रेडिट कार्ड का भी आसानी के साथ ले सकते हैं।
अगर आपका सिबिल स्कोर 750 है तो वहाँ पे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड काफी आसानी के साथ ले सकते हैं। जिसके लिए आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं या फिर मॉल में मेट्रो स्टेशन पर SBI कार्ड के एजेंट बैठे होते हैं।
आप उनको डीटेल्स देंगे वो आपका क्रेडिट स्कोर चेक करेंगे और इसके बाद वो आपका फॉर्म फील कर देंगे। फॉर्म फील करने के बाद एक हफ्ते के अंदर आपका क्रेडिट कार्ड आपके अड्रेस पर सेंड कर दिया जाता है। जीतने भी क्रेडिट कार्ड से उनमें सबसे आसान है।
SBI का क्रेडिट कार्ड लेना अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो चुका है। आप उसको अच्छा करना चाहते हैं ये भी पॉसिबल है, क्योंकि सिबिल स्कोर हर महीने जेनरेट होता है ऐसा नहीं है की जो एक बार बन गया वो चेंज नहीं हो सकता इसलिए अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है तो आप सही ढंग से अपना लोन का पेमेंट करेंगे तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो जायेगा।
सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए जो अच्छा माना जाए
आपको बता दें कि अच्छा से प्ले स्कोर 750 से 900 की सीमा में होता है। यदि आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो बैंक और अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां आपको आसानी से लोन दे देंगी बिना किसी समस्या के। लेकिन यदि आपका स्कोर 750 से कम है तो आपको लोन देने में बैंक आनाकानी करेगा। क्योंकि इस स्कूल वाले व्यक्ति को लोन देना खतरे का सौदा माना जाता। एक से बस को यूश़ूअली रेंज करता है 300 से 900 के बीच बहुत खराब होने की कंडीशन में ये 300 के नीचे जा सकता है लेकिन बहुत अधिक अच्छा होने की कंडीशन में ये 900 के ऊपर नहीं जाता ये आपको समझना पड़ेगा।
रेंज के हिसाब से सिबिल स्कोर
300 के नीचे के सिबिल स्कोर
आपका सिबिल स्कोर 300 से नीचे है तो मानकर चलिए कि कोई भी वित्तीय संस्था आपको लोन नहीं देंगी ना ही आपको इस स्कोर पर क्रेडिट कार्ड मिल सकेगा। यह सबसे खतरनाक स्कोर माना जाता है। जिसमें कोई भी संस्था है हाथ डालने से बचती है।
300 से 450 के बीच का सिबिल स्कोर
ये सिबिल स्कोर पहले के मुकाबले इतना खतरनाक नहीं माना जाता। लेकिन ये सिबिल स्कोर भी ज्यादा क्रेडिबल नहीं है। आप इसे एक चेतावनी समझकर अपने ईएमआई समय में देना चालू करें। जिससे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार ला पाए। क्योंकि इस सिबिल स्कोर में भी आपको लोन और क्रेडिट कार्ड नहीं मिल सकता।
450 से 600 के बीच का सिबिल स्कोर
ये एवरेज सिबिल स्कोर माना जाता है। जो कि बहुत अच्छा भी नहीं है और ना ही बहुत खराब। ऐसे स्कोर में आपको कुछ बैंक लोन दे भी सकते हैं वहीं आपको क्रेडिट कार्ड दिया जाता है। तब उसके क्रेडिट लिमिट बहुत ही कम होगी। लेकिन ये मानकर चलिए कि लोन लेने की और क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना इस सिबिल स्कोर में होती है।
600 से 750 के बीच का सिबिल स्कोर
ये स्कोर बहुत बढ़िया है इसके लिए आपको प्राय: सभी बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए तैयार हो जाएंगे। लेकिन आप एक कॉम्पिटिटिव रेट के लिए शायद निगोशिएबल ना कर पाए। इसको उदाहरण के तौर पर समझिए। आप यदि लोन लेना चाहते हैं और आपने 2-3 बैंको में बात की है और बैंक तैयार भी हो जाते हैं, कुछ ब्याज दरों पर लोन देने को। लेकिन आप ही सोचिये की आप अपनी मर्जी से ब्याज दरों में मोलभाव कर सके तो करना मुश्किल होगा। लेकिन हाँ बैंकों की शर्तों पर आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिल जायेगा।
750 से 900 के बीच का सिबिल स्कोर
अगर आपका सिबिल स्कोर 750 से 900 के बीच का है तब तो आपने अपना क्रेडिट स्कोर बहुत ही अच्छे ढंग से मैनेज किया है। बैंक से आपको बड़ी अमाउंट का लोन देने के लिए तैयार हो जाएंगे और साथ में एक बढ़िया डील फाइनल करने के लिए नेगोशिएबल यानी की मोल भाव भी करेंगे। क्रेडिट कार्ड लेने वालो को अच्छी क्रेडिट लिमिट के लिए ऑफर की जाएगी। वो भी बढ़िया कैशबैक और डील्स के साथ। यानी की जिसका सिबिल स्कोर जितना ज़्यादा होगा। उसको अच्छी डील में लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना उतनी अधिक होगी।
खराब सिबिल स्कोर को कैसे सुधारा जाये
सबसे पहले जानते हैं सिबिल स्कोर क्यों होता है खराब। सिबिल रिपोर्ट में आपके खाते, जैसे बैंक का लोन और क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी होती है। सभी जानकारियां सही होने पर डीपीडी यानी क्रेडिट कार्ड के बिल या किसी लोन की ईएमआई के भुगतान में कितने दिनों की देरी हुई है, आदि से बनता है। डीपीडी, सिबिल स्कोर रिपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण होती है। ये बताता है कि किसी खास महीने में अब आपने क्रेडिट कार्ड के बकाया लोन की ईएमआई के भुगतान में कितने दिनों की देरी की है। ये देरी ही आपके सिबिल स्कोर वो खराब करती है। हालांकि इस देरी का आपके पास यही कारण है तो आप सही कारण पता कर सकते सिबिल रिपोर्ट में सुधार करा सकते हैं।
सिबिल स्कोर कम है तो अपनाएं ये टिप्स
ईएमआई को सही समय पर जमा करें- जब भी आप किसी चीज़ का लोन ले उसे एक निश्चित समय सीमा में जमा करें। ऐसा ना हो बाकी खर्चों में आप ईएमआई भूल जाएं और समय आते ही इसका भुगतान न कर पाए।
क्रेडिट कार्ड के बिलों का समय पर भुगतान करें – जब भी आप कही पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं समय सीमा के क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करें। ये सिबिल स्कोर को सुधारने में अहम भूमिका निभाता है। जो क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो उसके बिलों का ठीक समय पर लेन-देन करे।
क्रेडिट की रेटिंग खराब ना होने दें – लोन दो प्रकार के होते हैं पहला प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन यानी सिक्योर्ड लोन। दूसरा बिना कुछ गिरवी रखे लोन यानी इनसेक्युर लोन। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक साथ दो से अधिक अनसिक्योर्ड लोन यानी बिना कुछ गिरवी रखे लोन, जैसे बिज़नेस लोन, पर्सनल लोन लेने से सिबिल क्रेडिट रेटिंग खराब होती है। इससे बचने की कोशिश करें। सालभर सिबिल क्रेडिट स्कोर चेक करते रहे।
सिबिल स्कोर अमूमन तब खराब होता है, जब कोई व्यक्ति अपने लोन और क्रेडिट का भुगतान न क्या करे। लेकिन कभी-कबार ये भी होता है कि बिना किसी वजह के भी सिबिल स्कोर कम दिखाता है। तो इसके लिए अपना सिबिल स्कोर चेक करते रहें। जिससे कम होने पर आप अपनी ब्रांच से संपर्क करें, इसे सही करवाए।
एक साथ कई लोन नाले एक ही समय पर एक से अधिक लोन लेने पर क्रेडिट स्कोर खराब होने का खतरा बना रहता है इसका साधारण सा कारण है कि एक समय पर कई जगहों पर पूंजी देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है इसके लिए सलाह दी जाती है कि एक समय पर कई लोन लेने से बचना चाहिए।
आपको बता दें अगर बिना किसी वाजिब कारण के क्रेडिट स्कोर खराब हुआ है तो उसे आवेदन के जरिए ठीक कराया जा सकता है।
इन स्टेप्स को फॉलो कर आप अपना सिबिल स्कोर सही भी कर सकते हैं और अच्छा बना सकते हैं।
ऑनलाईन फ्री में सिबिल स्कोर कैसे चैक करें।
फ्री सिबिल स्कोर / क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिये आप पैसाबाजार paisabazaar.com की वेबसाइट पर जाये।
उसके बाद नीचे दी गई स्क्रीन के अनुसार Get free credit report पर क्लिक करें।
उसके बाद नीचे दी गई अगली स्क्रीन पर जानकारी जैसे पूरा नाम, जन्मतिथि, पैन नम्बर दर्ज करें और ओटीपी आने के बाद उसको वेरिफाई करें।
जानकारी दर्ज करने के पश्चात एवं ओटीपी वेरिफाई करने के पश्चात नीचे दी गई स्क्रीन ओपन हो जायेगी। जिसके पश्चात Download report पर क्लिक करें। अपनी सिबिल स्कोर / क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।