शेयर खरीदने पर प्रॉफिट हमें बस दो तरह से प्राप्त होते हैं पहला खरीदे हुए शेयर को बढ़े हुए प्राइस पर बेच कर और दूसरा Dividend से। दोस्तों Dividend को हिंदी में लाभांश कहते हैं। इसमें दो शब्द जो आपको दिखाई दे रहे होंगे वो है लाभ और अंश। लाभ को हम प्रॉफिट कहते हैं और अंश को हम Part कहते हैं। तो Dividend का मतलब हुआ प्रॉफिट का Part, जी हाँ दोस्तों Dividend का मतलब और कुछ नहीं बल्कि प्रॉफिट का Part होता है। हर profitable कंपनी के पास दो विकल्प होते हैं, या तो अपने पूरे प्रॉफिट को अपने बिज़नेस में लगाने के लिए अपने पास रख लें या प्रॉफिट का कुछ Part रख कर बचा हुआ प्रॉफिट अपने शेयर होल्डर के बीच बांट दें। दोस्तों प्रॉफिट की यही बात जो कंपनियां अपने शेयर होल्डर्स के बीच बांट देती है Dividend का कहलाता है। आइए इसे उदाहरण से समझते हैं – मान लेते हैं XYZ कंपनी को साल 2018 में ₹100 करोड़ का प्रॉफिट होता है और XYZ कंपनी यह निर्णय लेती है कि वो हर शेयर पर ₹5 का Dividend देगी और बचे हुए प्रॉफिट को अपने बिज़नेस में लगाएंगी, तो अगर आपकी डीमेट अकाउंट में XYZ कंपनी के 1000 शेयर्स हैं तो आपको Dividend के रूप में ₹5000 मिलेंगे।
कौन सी कंपनियां देती है Dividend
हमेशा वैसी कंपनियां Dividend देती है जो प्रॉफिट में होती है लॉस में रहने वाली कंपनी कभी डर नहीं देती और Dividend नहीं देती है। ज्यादातर वैसी कंपनियां ही Dividend देती है जो बहुत बड़ी और मशहूर हो चुकी होती है क्योंकि जब कंपनी नई होती है और अपने बिज़नेस को बढ़ा रही होती है तो उस दौर वो अपने सारे प्रॉफिट को अपने बिज़नेस के बढ़ाने में ही लगाना चाहती है। क्योंकि कंपनी को पता होता है कि आज के प्रॉफिट्स को बिज़नेस में लगाकर वो भविष्य में कहीं ज्यादा प्रॉफिट कमा सकती है और इसमें फायदा इन्वेस्टर्स का ही होता है। क्योंकि जब तक कंपनी अपने प्रॉफिट्स को सही जगह लगाकर अपना बिज़नेस बढ़ा दी जाएगी। उसका प्रॉफिट भी बढ़ता जाएगा और प्रॉफिट बढ़ने से हमें दो फायदे होंगे एक तो हमने जो शेयर खरीदे है उनके प्राइस बढ़ेंगे और दूसरा अगर भविष्य में कंपनी Dividend देने का निर्णय लेती है तो वो आज के डेट से बहुत ज्यादा होगा। क्योंकि प्रॉफिट भी आज से कहीं ज्यादा बढ़ चुका होगा।
दोस्तों ध्यान देने वाली बात ये है की Dividend देना या ना देना ये कंपनी का डायरेक्टर ही निर्णय करते है। अगर उन्हें लगता है कि वो प्रॉफिट का यूज़ बिज़नेस बढ़ाने में कर सकते हैं तो Dividend नहीं देते हैं और अगर उन्हें लगता है कि बिज़नेस को बढ़ाना थोड़ा मुश्किल है तो वो प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के बीच बांट देते है।
यह ऐसा प्रॉफिट होता है जिसपर तब तक टैक्स नहीं लगता जब तक उन्हें सेल नहीं किया जाता। यानी इस तरह की अच्छी और ग्रोइंग कंपनीस में इन्वेस्ट करके भी आप प्रॉफिट कमा सकते है। वो भी बिना Dividend, बस आपको अच्छे से जानकारी ले करके सही कंपनी सेलेक्ट करनी होगी। अब अगर बेस्ट Dividend भुगतान करने वाली कंपनीज के बारे में बात करें तो इस तरह की कंपनीज में ज्यादातर स्थापित कम्पनीज़ शामिल होती है, जिन्हे ज्यादा प्रॉफिट होते हैं और ऐसी कम्पनीज़ रेग्युलर बेसिस पर Dividend दिया करती हैं। अक्सर ऐसी कम्पनीज़ इन इंडस्ट्रीज़ से संबंधित होती है –
Basic Material
Oil and Gas
Bank and Finance
Healthcare and pharmaceuticals
Utilities
Real estate investment trusts (REJI)
Master Limited partnerships (MLP)
Dividend कब दिया जाता है
Dividend से रिलेटेड कुछ इम्पोर्टेन्ट डेट्स होतीं हैं जैसे –
Announcement Date – अनाउंस डेट पर कंपनी मैनेजमेंट Dividend देने की घोषणा करता है।
Ex-Dividend Date – एक्स-Dividendडेट पर Dividend को एलिजिबिलिटी एक्सपाइर हो जाती है।
Record Date – इस डेट पर कंपनी को ये पता चलता है कि कौन सी शेयर होल्डर्स Devident प्राप्त करने के लिये योग्य है।
Payment Date – इस डेट पर कंपनी इन्वेस्टर्स के अकाउंट में राशि क्रेडिट कर देती है।
Dividend के प्रकार
Cash Dividend – ये सबसे कॉमन Dividend टाइप है जिसमे कम्पनीज़ शेयर होल्डर की ब्रोकरेज अकाउंट में डायरेक्ट कैश पेमेंट कर देती है।
Stock Dividend – इस टाइप के कम्पनीज़ कैश पे करने की बजाय स्टॉक के एडिशनल शेर के रूप में पे करती है Dividend रीइन्वेस्टमेंट प्रोग्राम्स यानी की टीआरआईपीएस की बात करें तो इस तरह के Dividend टाइप में इन्वेस्टर्स डिस्काउंट पर कंपनी के स्टॉक में Dividend स्कोर इन्वेस्ट कर सकते हैं
Special Dividend – इस टाइप की बात करें तो ये एक्स्ट्रा Dividend यानी की वन टाइम Dividend पेमेंट होते हैं इन्हें रेग्युलर Dividend कहा जाता है ये Dividend तब मिलते है जब कंपनी के पास अनएक्सपेक्टेड कैश होता है कि रेग्युलर कंपनी Dividend से अलग होते हैं क्योंकि रेग्युलर Dividend तो रेग्युलर इंटरवल्स पर्रिकर होते हैं जबकि स्पेशल Dividend एक ही बार जाता है और ये कैश अमाउंट भी रेग्युलर Dividend से ज्यादा हो सकता है अब बात करते है
Preferred Dividend – Preferred Dividend ऐसे स्टॉक होते हैं जो स्टॉक की तरह कम काम करते हैं और बॉन्ड की तरफ ज्यादा होती है और प्रिफर्ड स्टॉक पर मिलने वाले Dividend जनरलली फिक्स होते हैं जबकि common stocks मिलने वाले Dividend सामान्यत: हर तीन महिनों पर भुगतान किये जाते हैं।
Dividend Investing Strategies
चलिए जान लेते हैं Dividend Investing Strategies के बारे में। आपको High Dividend Yield Approach और High Dividend Growth Rate Strategy में से एक स्ट्रैटिजी को Select करना होगा।
High Dividend Yield Approach का फोकस लो ग्रोइंग कंपनी इस पर होता है जिनका हाई कैश फ्लो होता है इस तरह की कंपनीस में इन्वेस्ट करने से इमीडिएट इनकम हो सकती है और
High Dividend Growth Rate Strategy में आपका फोकस ऐसी कम्पनीज़ में स्टॉक खरीदने पर रहेगा जिसमें लो Dividend होते हैं लेकिन कंपनी की कोई ग्रोथ होती है ऐसे में प्रॉफिटेबल स्टॉक्स को लोअर रेट पर खरीद पाते हैं और पांच से 10 साल के पीरियड में लार्ज अमाउंट ऑफ इनकम बना सकते हैं।
आप के लिए इन दोनों में से कौन सी स्ट्रेटेजी बेस्ट रहेंगी। इन्वेस्टर के तौर पर आप पर ही डिपेंड करेगा कि आप का उद्देश्य इनिशिएट इस टेबल इनकम रिसीव करना है या लॉन्ग टर्म ग्रोथ प्रॉफिट गेन करना है इन्वेस्टमेंट से पहले आपको Dividend सेफ्टी के बारे में भी अवेयर होना होगा।