क्या है ड्रोन
What Is Drone Indian Law About Drone – ड्रोन एक आधुनिक चालक रहित विमान है जो कंप्यूटर या दूर से नियंत्रित किया जा सकता है. इसका मूल डिजाइन चार पंखों (चतुष्कोण) का होता है, इसलिए इसे “क्वाड कॉप्टर” भी कहा जाता है। हिंंदी भाषा में ड्रोन शब्द का अर्थ है नर मधुमक्खी। वास्तव में, इसका नाम उड़ने से मिला है क्योंकि यह मधुमक्खी की तरह उड़ता है और एक जगह पर स्थिर रह सकता है, यानी मंडराता है।
आस्ट्रिया ने पहली बार ड्रोन को वेनिस पर बम बरसाने के लिए इस्तेमाल किया था, और पहले विश्व युद्ध के दौरान भी “फ्लाइंग बम” का काफी इस्तेमाल हुआ था. वास्तव में, यह मानव रहित विमान थे जो विकसित होकर आज के ड्रोन बन गए हैं।
इन क्षेत्रों में भारत में ड्रोन का काफी उपयोग हो रहा है
भारत में ड्रोन (Drone) का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, किसानों द्वारा खेतों में कीटनाशक छिड़कने के लिए और पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने के लिए। ड्रोन सीमाई इलाकों में, जहां दुश्मनों की निगरानी की जाती है, वहीं पहाड़ी इलाकों में, जहां गाड़ी नहीं पहुंच सकती, दवाइयों की सप्लाई करते हैं।
कोविड महामारी के दौरान ही असम और पूर्वोत्तर राज्यों में ड्रोन से वैक्सीन भेजी गई। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, सफाई और वीडियोग्राफी करने में किया गया। शादियों में भी ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल बहुत होता है। भविष्य में ड्रोन कल्चर तेजी से बढ़ने वाला है।
भारत में ड्रोन से जुड़े कानून (Indian Law About Drones)
अब ड्रोन सामाजिक समारोहों, महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी, पुलिस पेट्रोलिंग तक हर जगह उड़ते हैं। आजकल ड्रोन फोटोग्राफी भी लोकप्रिय है। ड्रोन उड़ाने में भी कुछ नियमों का उल्लंघन करना जेल तक जा सकता है। ड्रोन उड़ाने से पहले कानूनों को जानना महत्वपूर्ण है।
भारत में सिर्फ पांच प्रकार के ड्रोन उड़ाए जा सकते हैं
नैनो ड्रोन: नैनो ड्रोन 250 ग्राम से कम वजन के होते हैं।
माइक्रो ड्रोन: माइक्रो ड्रोन 2 किलो से कम वजन का होता है।
स्मॉल ड्रोन: छोटे ड्रोन का वजन 2 kg से 25 kg तक हो सकता है।
मध्यम ड्रोन: मीडियम ड्रोन का वजन 25 से 150 किलो तक होता है, जबकि बिग ड्रोन का वजन 150 किलो से अधिक होता है।
ड्रोन कहाँ उड़ाया जा सकता है
भारत सरकार ने डिजिटल स्काई (DigitalSky) नामक ड्रोन की आधिकारिक वेबसाइट पर ड्रोन उड़ाने के नियमों को अपनाया है। जिसमें इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप शामिल है। इस मैप में हरी, येलो और लाल क्षेत्र बनाए गए हैं। फ्लाई जोन और नो फ्लाई जोन के लिए कुछ नियम हैं।
ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए कोई नियम नहीं है। No Fly Zone में किसी भी कीमत पर ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकते। सिर्फ पुलिस और सुरक्षा बलों को इसका अधिकार है। www.digitalsky.dgca.gov.in/home पर ड्रोन के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है।
ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस कब चाहिए
नैनो ड्रोन उड़ाने के लिए कोई परमिशन नहीं चाहिए। माइक्रो ड्रोन से अधिक बड़े ड्रोन को उड़ाने के लिए यूनिक आइडेंटीफिकेश नंबर (UIN) की आवश्यकता होती है। यह नहीं हुआ तो आपको ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
UIN नंबर पाने के लिए डिजिटल स्काई वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। बिग ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है। इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा अधिकृत केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
ड्रोन का भविष्य
भविष्य में ड्रोन्स का इस्तेमाल और भी बढ़ेगा। नई तकनीकों के साथ इनकी उपयोगिता और संभावनाएं विस्तारित होंगी। ड्रोन्स की नई उड़ानें और इनके विकास में और भी नई राहें खुलेंगी।
निष्कर्ष – What Is Drone Indian Law About Drone In Hindi
इस लेख से हमने देखा कि ड्रोन्स का उद्योगिक और सरकारी स्तर पर इस्तेमाल बढ़ रहा है, और सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए विशेष नियम बनाए हैं। ड्रोन्स के विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल का भविष्य भी बहुत उज्ज्वल है।